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अगर आप होम लोन (Home Loan) ले रहे हैं या लेने की योजना बना रहे हैं, तो आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि क्या होम लोन के साथ–साथ पर्सनल लोन (Personal Loan) भी लिया जा सकता है? होम लोन एक लंबी अवधि का लोन होता है, जबकि पर्सनल लोन छोटी अवधि के लिए लिया जाता है। लेकिन क्या बैंक या एनबीएफसी (NBFC) आपको दोनों लोन एक साथ देने के लिए तैयार होंगे?
इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि होम लोन और पर्सनल लोन एक साथ लेना संभव है या नहीं, इसके फायदे, नुकसान, बैंक की शर्तें और ध्यान रखने वाली महत्वपूर्ण बातें।
हां, होम लोन के साथ पर्सनल लोन लेना संभव है, लेकिन यह आपकी आय, क्रेडिट स्कोर, मौजूदा लोन की EMI और बैंक की नीतियों पर निर्भर करता है। बैंक आपकी लोन रिपेमेंट क्षमता (Loan Repayment Capacity) को चेक करते हैं और फिर निर्णय लेते हैं।
अगर ये शर्तें पूरी होती हैं, तो बैंक आपको दोनों लोन देने के लिए तैयार हो सकते हैं।
पर्सनल लोन बिना किसी कोलेटरल (Collateral) के मिलता है और जल्दी डिस्बर्स (Disburse) हो जाता है। अगर होम लोन लेने के बाद आपको अचानक पैसों की जरूरत (जैसे घर की मरम्मत, शादी, मेडिकल इमरजेंसी) पड़ती है, तो पर्सनल लोन काम आ सकता है।
कई बार होम लोन से मिली रकम घर खरीदने या बनाने के लिए पर्याप्त नहीं होती। ऐसे में पर्सनल लोन लेकर आप अतिरिक्त फंड्स जुटा सकते हैं।
पर्सनल लोन पर कोई एंड–यूज रेस्ट्रिक्शन (End-Use Restriction) नहीं होता, जबकि होम लोन सिर्फ प्रॉपर्टी खरीदने या निर्माण के लिए दिया जाता है।
दोनों लोन की EMI एक साथ चुकाने से आपकी मासिक आय पर दबाव पड़ सकता है। अगर आपकी इनकम स्टेबल नहीं है, तो लोन डिफॉल्ट (Loan Default) का खतरा बढ़ जाता है।
ज्यादा लोन लेने से क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (Credit Utilization Ratio) बढ़ता है, जिससे आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है।
पर्सनल लोन पर ब्याज दर (Interest Rate) होम लोन की तुलना में ज्यादा (10-24% प्रति वर्ष) होती है, जिससे कुल लोन की लागत बढ़ जाती है।
अगर आप होम लोन और पर्सनल लोन एक साथ लेना चाहते हैं, तो बैंक निम्नलिखित बातों को चेक करते हैं:
✅ क्रेडिट स्कोर (Credit Score): 750+ होना चाहिए।
✅ डेट–टू–इनकम रेश्यो (DTI Ratio): 40-50% से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
✅ स्टेबल इनकम (Stable Income): नौकरी या बिजनेस में कम से कम 2-3 साल का अनुभव।
✅ एक्सिस्टिंग लोन (Existing Loans): पहले से कोई लोन चल रहा है, तो उसकी EMI भी DTI में गिनी जाती है।
कुछ लोग होम लोन की EMI चुकाने के लिए पर्सनल लोन लेने की सोचते हैं, लेकिन यह सही नहीं है, क्योंकि:
इसकी बजाय, आप होम लोन रिफाइनेंस (Home Loan Refinance) या EMI मोराटोरियम (EMI Moratorium) जैसे विकल्प चुन सकते हैं।
अगर आपको अतिरिक्त फंड्स की जरूरत है, तो आप निम्न विकल्प आजमा सकते हैं:
कई बैंक होम लोन बॉरोअर्स को अतिरिक्त लोन (Top-Up Loan) देते हैं, जिसकी ब्याज दर पर्सनल लोन से कम होती है।
अगर आपको किसी दूसरे बैंक से कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है, तो आप होम लोन ट्रांसफर कर सकते हैं।
अगर आपके पास गोल्ड ज्वेलरी है, तो आप कम ब्याज दर (7-12%) पर गोल्ड लोन ले सकते हैं।
अगर आपकी आय स्थिर है, क्रेडिट स्कोर अच्छा है और EMI का बोझ नहीं होगा, तो आप होम लोन के साथ पर्सनल लोन ले सकते हैं। लेकिन अगर आपकी फाइनेंशियल स्थिति कमजोर है, तो यह जोखिम भरा हो सकता है।
हमेशा बैंक से पूरी जानकारी लें और लोन की शर्तों को अच्छी तरह समझें। अगर संभव हो, तो टॉप–अप लोन या अन्य सस्ते विकल्पों को प्राथमिकता दें।
अगर आपके मन में कोई सवाल है, तो कमेंट में पूछें! 😊