आज के समय में लोन लेना कई लोगों की जरूरत बन गया है, चाहे वह घर खरीदने के लिए हो, गाड़ी लेने के लिए, या कोई बिजनेस शुरू करने के लिए। लोन लेने के लिए सबसे जरूरी चीज मानी जाती है Cibil Score। आमतौर पर यह माना जाता है कि अगर आपका Cibil Score 750 या उससे ज्यादा है, तो आपको आसानी से लोन मिल जाएगा। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि अच्छा Cibil Score होने के बावजूद लोन रिजेक्ट हो जाता है। ऐसा क्यों होता है? दरअसल, बैंक सिर्फ Cibil Score पर ही निर्भर नहीं करता, बल्कि वह कई और चीजों को भी देखता है। इस लेख में हम आपको आसान हिंदी में बताएंगे कि Cibil Score अच्छा होने के बाद भी लोन रिजेक्ट होने के 5 बड़े कारण क्या हैं, और साथ ही यह भी समझाएंगे कि इनका असर आपके निवेश (Investment) पर कैसे पड़ सकता है।
Cibil Score क्या है और यह क्यों जरूरी है?
Cibil Score एक तीन अंकों की संख्या होती है, जो 300 से 900 के बीच होती है। यह स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को दर्शाता है, यानी आपने अपने पिछले कर्ज और क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान समय पर किया है या नहीं। अगर आपका स्कोर 750 से ऊपर है, तो इसे अच्छा माना जाता है, और लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
Cibil Score इसलिए जरूरी है क्योंकि यह बैंक को बताता है कि आप कितने भरोसेमंद हैं। अगर आप समय पर अपने बिल और EMI चुकाते हैं, तो आपका स्कोर अच्छा रहता है, और बैंक को लगता है कि आप नए लोन की EMI भी चुका सकते हैं। लेकिन कई बार अच्छा स्कोर होने के बावजूद लोन रिजेक्ट हो जाता है, क्योंकि बैंक सिर्फ स्कोर को नहीं, बल्कि आपकी पूरी फाइनेंशियल प्रोफाइल को देखता है। आइए, उन 5 चीजों को समझते हैं जो बैंक आपके स्कोर के अलावा चेक करता है।
1. आपकी आय और EMI का अनुपात
आपका Cibil Score भले ही अच्छा हो, लेकिन अगर आपकी आय लोन की EMI चुकाने के लिए पर्याप्त नहीं है, तो बैंक लोन रिजेक्ट कर सकता है। बैंक यह देखता है कि आपकी मासिक आय का कितना हिस्सा EMI पर जा रहा है। इसे Debt-to-Income Ratio (DTI) कहते हैं। सामान्य तौर पर, आपकी मासिक EMI आपकी आय का 40-50% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
उदाहरण के लिए, अगर आपकी सैलरी 50,000 रुपये महीने है और आप पहले से 20,000 रुपये की EMI चुका रहे हैं, तो आपकी आय का 40% पहले से खर्च हो रहा है। अब अगर आप 5 लाख रुपये का नया लोन लेते हैं, जिसकी EMI 15,000 रुपये बनती है, तो आपकी कुल EMI 35,000 रुपये हो जाएगी। यह आपकी सैलरी का 70% है, जो बैंक के लिए जोखिम भरा है। ऐसे में भले ही आपका Cibil Score 800 हो, लोन रिजेक्ट हो सकता है।
इसलिए, लोन लेने से पहले अपनी आय और मौजूदा EMI का हिसाब जरूर करें। अगर आपकी आय का बड़ा हिस्सा पहले से खर्च हो रहा है, तो पहले पुराने कर्ज को कम करें, ताकि नया लोन लेने में आसानी हो।
2. नौकरी की स्थिरता और आय का स्रोत
बैंक सिर्फ आपकी आय को ही नहीं देखता, बल्कि यह भी देखता है कि आपकी आय का स्रोत कितना स्थिर है। अगर आप सरकारी नौकरी में हैं या किसी अच्छी कंपनी में लंबे समय से काम कर रहे हैं, तो बैंक को भरोसा होता है कि आपकी सैलरी नियमित रहेगी और आप EMI चुका पाएंगे। लेकिन अगर आप फ्रीलांसर हैं, या आपने हाल ही में नौकरी बदली है, तो बैंक को जोखिम लग सकता है।
उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपकी सैलरी 60,000 रुपये महीना है और आपका Cibil Score 780 है। लेकिन आपने पिछले 6 महीने में 3 बार नौकरी बदली है। ऐसे में बैंक को लगेगा कि आपकी आय स्थिर नहीं है, और अगर भविष्य में आप नौकरी छोड़ देते हैं, तो EMI चुकाना मुश्किल हो सकता है। इस वजह से आपका लोन रिजेक्ट हो सकता है।
इस समस्या से बचने के लिए अपनी नौकरी में स्थिरता बनाए रखें और आय का एक नियमित स्रोत दिखाएं। अगर आप फ्रीलांसर हैं, तो अपने पिछले 2-3 साल के ITR (इनकम टैक्स रिटर्न) और बैंक स्टेटमेंट जमा करें, ताकि बैंक को आपकी आय पर भरोसा हो।
3. पहले से चल रहे कर्ज और क्रेडिट का उपयोग
अगर आपका Cibil Score अच्छा है, तो इसका मतलब है कि आपने अपने पिछले कर्ज समय पर चुकाए हैं। लेकिन अगर आपके पास पहले से बहुत सारे कर्ज चल रहे हैं, या आप अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 80-90% इस्तेमाल कर रहे हैं, तो बैंक को लगेगा कि आप फाइनेंशियल स्ट्रेस में हैं। इसे Credit Utilization Ratio कहते हैं।
उदाहरण के लिए, अगर आपके पास 2 लाख रुपये की क्रेडिट लिमिट वाला क्रेडिट कार्ड है और आपने उसमें से 1.8 लाख रुपये खर्च कर दिए हैं, तो आपका Credit Utilization Ratio 90% हो गया। यह बैंक के लिए एक खतरे की घंटी है, भले ही आपका Cibil Score अच्छा हो। इसी तरह, अगर आपके पास पहले से 3-4 लोन चल रहे हैं, तो बैंक को लगेगा कि आप नया लोन नहीं चुका पाएंगे।
इससे बचने के लिए अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 30-40% से ज्यादा इस्तेमाल न करें और पुराने कर्ज को जितना हो सके कम करें। इससे आपकी फाइनेंशियल हेल्थ अच्छी दिखेगी और लोन मिलने की संभावना बढ़ेगी।
4. आपकी उम्र और लोन की अवधि
आपकी उम्र भी लोन अप्रूवल में एक बड़ा फैक्टर होती है। बैंक यह देखता है कि आप लोन की पूरी अवधि के दौरान EMI चुका पाएंगे या नहीं। अगर आपकी उम्र ज्यादा है, खासकर रिटायरमेंट के करीब, तो बैंक को जोखिम लग सकता है।
उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपकी उम्र 58 साल है और आप 10 साल के लिए 10 लाख रुपये का लोन लेना चाहते हैं। आपका Cibil Score 800 है, लेकिन आपकी उम्र की वजह से बैंक को लगेगा कि 68 साल की उम्र तक आप EMI कैसे चुकाएंगे। ऐसे में आपका लोन रिजेक्ट हो सकता है। वहीं, अगर आप 30 साल के हैं और वही लोन लेना चाहते हैं, तो लोन मिलने की संभावना ज्यादा होगी।
इससे बचने के लिए अपनी उम्र के हिसाब से लोन की अवधि चुनें। अगर आपकी उम्र ज्यादा है, तो छोटी अवधि का लोन लें या किसी को-एप्लिकेंट (जैसे बेटा/बेटी) को जोड़ें, ताकि बैंक को भरोसा हो।
5. आपकी प्रोफाइल और दस्तावेजों में कमी
कई बार लोन रिजेक्ट होने की वजह Cibil Score से ज्यादा आपकी प्रोफाइल और दस्तावेजों में कमी होती है। बैंक आपकी पूरी प्रोफाइल को देखता है, जैसे:
- रहने का पता: अगर आप बार-बार अपना पता बदलते हैं, तो बैंक को लगेगा कि आपकी स्थिरता कम है।
- दस्तावेजों में गड़बड़ी: अगर आपके दस्तावेज (आधार, पैन, सैलरी स्लिप) में कोई गलती है, जैसे नाम या पते में अंतर, तो लोन रिजेक्ट हो सकता है।
- उद्योग का जोखिम: अगर आप किसी ऐसे सेक्टर में काम करते हैं, जो जोखिम भरा माना जाता है (जैसे रियल एस्टेट या स्टार्टअप), तो बैंक सावधानी बरत सकता है।
उदाहरण के लिए, अगर आपकी सैलरी स्लिप में आपका नाम “Rahul Kumar” है, लेकिन आधार कार्ड में “Rahul K. Sharma” है, तो बैंक आपके दस्तावेजों को रिजेक्ट कर सकता है। इसी तरह, अगर आप पिछले 1 साल में 3 बार अपना किराए का घर बदल चुके हैं, तो बैंक को लगेगा कि आपकी स्थिरता कम है।
इससे बचने के लिए अपने सारे दस्तावेजों को सही और अपडेट रखें। अगर आप किराए पर रहते हैं, तो अपने मकान मालिक से एक रेंट एग्रीमेंट बनवाएं, ताकि आपकी प्रोफाइल मजबूत दिखे।
लोन रिजेक्शन का आपके निवेश (Investment) पर असर
अगर आपका लोन रिजेक्ट हो जाता है, तो इसका असर आपके निवेश (Investment) प्लान पर भी पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपने एक छोटा बिजनेस शुरू करने के लिए 5 लाख रुपये का लोन मांगा था, जिसमें आप निवेश (Investment) करना चाहते थे। लेकिन लोन रिजेक्ट होने की वजह से आपका बिजनेस प्लान रुक गया। इससे आपकी आय बढ़ने की संभावना कम हो सकती है।
इसके अलावा, बार-बार लोन रिजेक्शन आपके Cibil Score को भी प्रभावित कर सकता है। हर बार जब आप लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक एक “Hard Inquiry” करता है, जिससे आपका स्कोर 5-10 पॉइंट्स कम हो सकता है। अगर आपका स्कोर कम हो जाता है, तो भविष्य में लोन लेना और मुश्किल हो जाएगा, जिससे आपके निवेश (Investment) और फाइनेंशियल गोल्स पर असर पड़ेगा।
लोन अप्रूवल के लिए टिप्स
अगर आपका Cibil Score अच्छा है, लेकिन फिर भी लोन रिजेक्ट हो रहा है, तो इन टिप्स को फॉलो करें:
- पुराने कर्ज कम करें: अपने चल रहे कर्ज को कम करें और क्रेडिट कार्ड की लिमिट का ज्यादा इस्तेमाल न करें।
- आय बढ़ाएं: अगर संभव हो, तो पार्ट-टाइम काम करके अपनी आय बढ़ाएं और इसे अपने बैंक स्टेटमेंट में दिखाएं।
- दस्तावेज सही करें: अपने सारे दस्तावेजों को अपडेट करें और उनमें कोई गलती न होने दें।
- छोटा लोन लें: अगर आपकी आय कम है, तो छोटी रकम का लोन लें और समय पर चुका दें। इससे भविष्य में बड़ा लोन लेना आसान होगा।
- को-एप्लिकेंट जोड़ें: अगर आपकी आय या प्रोफाइल कमजोर है, तो अपने जीवनसाथी या माता-पिता को को-एप्लिकेंट बनाएं।
निष्कर्ष
Cibil Score अच्छा होना लोन अप्रूवल की गारंटी नहीं है। बैंक आपकी आय, नौकरी की स्थिरता, पहले से चल रहे कर्ज, उम्र, और प्रोफाइल को भी देखता है। अगर इनमें से कोई भी चीज सही नहीं है, तो आपका लोन रिजेक्ट हो सकता है। इसलिए, लोन के लिए अप्लाई करने से पहले अपनी फाइनेंशियल प्रोफाइल को मजबूत करें और ऊपर दिए गए टिप्स फॉलो करें। यह न केवल आपको लोन दिलाने में मदद करेगा, बल्कि आपके निवेश (Investment) और भविष्य की प्लानिंग को भी सुरक्षित रखेगा। सही तैयारी और जानकारी के साथ आप आसानी से अपने सपनों को पूरा करने के लिए लोन ले सकते हैं!