अगर आप होम लोन (Home Loan) ले रहे हैं या लेने की योजना बना रहे हैं, तो आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि क्या होम लोन के साथ–साथ पर्सनल लोन (Personal Loan) भी लिया जा सकता है? होम लोन एक लंबी अवधि का लोन होता है, जबकि पर्सनल लोन छोटी अवधि के लिए लिया जाता है। लेकिन क्या बैंक या एनबीएफसी (NBFC) आपको दोनों लोन एक साथ देने के लिए तैयार होंगे?
इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि होम लोन और पर्सनल लोन एक साथ लेना संभव है या नहीं, इसके फायदे, नुकसान, बैंक की शर्तें और ध्यान रखने वाली महत्वपूर्ण बातें।
क्या होम लोन के साथ पर्सनल लोन लेना संभव है?
हां, होम लोन के साथ पर्सनल लोन लेना संभव है, लेकिन यह आपकी आय, क्रेडिट स्कोर, मौजूदा लोन की EMI और बैंक की नीतियों पर निर्भर करता है। बैंक आपकी लोन रिपेमेंट क्षमता (Loan Repayment Capacity) को चेक करते हैं और फिर निर्णय लेते हैं।
किन परिस्थितियों में मिल सकता है दोनों लोन?
- अगर आपकी मासिक आय (Monthly Income) अच्छी है और होम लोन की EMI के बाद भी आप पर्सनल लोन की EMI आसानी से चुका सकते हैं।
- आपका क्रेडिट स्कोर (Credit Score) 750 या उससे अधिक है।
- आपके पास स्टेबल जॉब या बिजनेस इनकम है।
- आपका डेट–टू–इनकम रेश्यो (DTI Ratio) 40-50% से कम है।
अगर ये शर्तें पूरी होती हैं, तो बैंक आपको दोनों लोन देने के लिए तैयार हो सकते हैं।
होम लोन और पर्सनल लोन एक साथ लेने के फायदे
✔ तुरंत फंड्स की उपलब्धता
पर्सनल लोन बिना किसी कोलेटरल (Collateral) के मिलता है और जल्दी डिस्बर्स (Disburse) हो जाता है। अगर होम लोन लेने के बाद आपको अचानक पैसों की जरूरत (जैसे घर की मरम्मत, शादी, मेडिकल इमरजेंसी) पड़ती है, तो पर्सनल लोन काम आ सकता है।
✔ होम लोन की कमी को पूरा करना
कई बार होम लोन से मिली रकम घर खरीदने या बनाने के लिए पर्याप्त नहीं होती। ऐसे में पर्सनल लोन लेकर आप अतिरिक्त फंड्स जुटा सकते हैं।
✔ फ्लेक्सिबिलिटी
पर्सनल लोन पर कोई एंड–यूज रेस्ट्रिक्शन (End-Use Restriction) नहीं होता, जबकि होम लोन सिर्फ प्रॉपर्टी खरीदने या निर्माण के लिए दिया जाता है।
होम लोन के साथ पर्सनल लोन लेने के नुकसान
✖ EMI का बोझ बढ़ना
दोनों लोन की EMI एक साथ चुकाने से आपकी मासिक आय पर दबाव पड़ सकता है। अगर आपकी इनकम स्टेबल नहीं है, तो लोन डिफॉल्ट (Loan Default) का खतरा बढ़ जाता है।
✖ क्रेडिट स्कोर पर असर
ज्यादा लोन लेने से क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (Credit Utilization Ratio) बढ़ता है, जिससे आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है।
✖ ब्याज दर अधिक होना
पर्सनल लोन पर ब्याज दर (Interest Rate) होम लोन की तुलना में ज्यादा (10-24% प्रति वर्ष) होती है, जिससे कुल लोन की लागत बढ़ जाती है।
बैंक किन शर्तों पर देते हैं दोनों लोन?
अगर आप होम लोन और पर्सनल लोन एक साथ लेना चाहते हैं, तो बैंक निम्नलिखित बातों को चेक करते हैं:
✅ क्रेडिट स्कोर (Credit Score): 750+ होना चाहिए।
✅ डेट–टू–इनकम रेश्यो (DTI Ratio): 40-50% से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
✅ स्टेबल इनकम (Stable Income): नौकरी या बिजनेस में कम से कम 2-3 साल का अनुभव।
✅ एक्सिस्टिंग लोन (Existing Loans): पहले से कोई लोन चल रहा है, तो उसकी EMI भी DTI में गिनी जाती है।
क्या होम लोन चुकाने के लिए पर्सनल लोन लेना सही है?
कुछ लोग होम लोन की EMI चुकाने के लिए पर्सनल लोन लेने की सोचते हैं, लेकिन यह सही नहीं है, क्योंकि:
- पर्सनल लोन की ब्याज दर ज्यादा होती है, जिससे आपका कर्ज बढ़ता जाएगा।
- होम लोन की अवधि लंबी (15-20 साल) होती है, जबकि पर्सनल लोन सिर्फ 5-7 साल के लिए मिलता है।
- अगर आप होम लोन की EMI नहीं चुका पाते, तो बैंक प्रॉपर्टी को जब्त (Seize) भी कर सकता है।
इसकी बजाय, आप होम लोन रिफाइनेंस (Home Loan Refinance) या EMI मोराटोरियम (EMI Moratorium) जैसे विकल्प चुन सकते हैं।
विकल्प: होम लोन के साथ पर्सनल लोन न लेने के तरीके
अगर आपको अतिरिक्त फंड्स की जरूरत है, तो आप निम्न विकल्प आजमा सकते हैं:
🔹 टॉप–अप लोन (Top-Up Loan)
कई बैंक होम लोन बॉरोअर्स को अतिरिक्त लोन (Top-Up Loan) देते हैं, जिसकी ब्याज दर पर्सनल लोन से कम होती है।
🔹 लोन बैलेंस ट्रांसफर (Loan Balance Transfer)
अगर आपको किसी दूसरे बैंक से कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है, तो आप होम लोन ट्रांसफर कर सकते हैं।
🔹 गोल्ड लोन (Gold Loan)
अगर आपके पास गोल्ड ज्वेलरी है, तो आप कम ब्याज दर (7-12%) पर गोल्ड लोन ले सकते हैं।
निष्कर्ष: होम लोन के साथ पर्सनल लोन लेना चाहिए या नहीं?
अगर आपकी आय स्थिर है, क्रेडिट स्कोर अच्छा है और EMI का बोझ नहीं होगा, तो आप होम लोन के साथ पर्सनल लोन ले सकते हैं। लेकिन अगर आपकी फाइनेंशियल स्थिति कमजोर है, तो यह जोखिम भरा हो सकता है।
हमेशा बैंक से पूरी जानकारी लें और लोन की शर्तों को अच्छी तरह समझें। अगर संभव हो, तो टॉप–अप लोन या अन्य सस्ते विकल्पों को प्राथमिकता दें।
📌 अंतिम सलाह:
- क्रेडिट स्कोर चेक करें (CIBIL/Experian) ।
- अपनी DTI Ratio कैलकुलेट करें (कुल EMI ÷ मासिक आय)।
- कम ब्याज दर वाले विकल्पों को तलाशें।
अगर आपके मन में कोई सवाल है, तो कमेंट में पूछें! 😊